
डॉ. मीनाक्षी जैन — इतिहास की कक्षा से संसद की गलियारों तक का सफर तय करने वाली वो विदुषी, जिनकी कलम से निकली किताबें अकादमिक जगत में तहलका मचा चुकी हैं।
गर्गी कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहीं जैन का शोध भारतीय संस्कृति, मंदिरों के पुनर्निर्माण और उपनिवेशवाद पर केंद्रित रहा है।
उनकी किताबों में ‘रामा एंड अयोध्या’, ‘सती’, और ‘द फ्लाइट ऑफ डिएटीज़’ जैसे शीर्षक न सिर्फ इतिहास के अध्याय खोलते हैं, बल्कि बहस भी शुरू कर देते हैं — और कुछ आलोचकों को नींद भी उड़ा देते हैं।
2020 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया, और अब वे संसद में भी अपनी बौद्धिक उपस्थिति दर्ज कराने जा रही हैं।
मोदी जी भी हुए मुरीद!
पीएम मोदी ने एक्स (Twitter) पर लिखा:
“डॉ. मीनाक्षी जैन को राज्यसभा के लिए नामित किया जाना खुशी की बात है। उन्होंने शिक्षा, इतिहास और साहित्य में अमूल्य योगदान दिया है।”
अब देखना होगा कि संसद की बहसों में उनका इतिहास कैसे वर्तमान को प्रभावित करता है।
सदानंदन मास्टर: संघर्ष की जीती-जागती मिसाल
कन्नूर (केरल) में जन्मे और राजनीतिक हिंसा के शिकार रहे सी. सदानंदन मास्टर केवल एक शिक्षक नहीं, बल्कि संघर्ष और संकल्प की चलती-फिरती किताब हैं।
25 जनवरी 1994 को घर के बाहर हुए हमले में उन्होंने अपने दोनों पैर खो दिए, लेकिन संघर्ष की शक्ति से खड़े रहे — व्हीलचेयर पर।
वे न सिर्फ शिक्षक रहे, बल्कि भाजपा के उपाध्यक्ष, ABVP और RSS के सक्रिय कार्यकर्ता, और कुथुपरम्बा से दो बार विधानसभा उम्मीदवार भी रह चुके हैं।
मोदी जी ने उन्हें “अत्याचार के सामने न झुकने वाला योद्धा” कहा है — और यह एकदम सही बैठता है।
शिक्षक से सांसद: कोई पूछेगा ट्यूशन कब से?
राज्यसभा में शिक्षक और इतिहासकार की एंट्री ने सदन के स्तर को ज्ञान से भर दिया है — अब देखना ये होगा कि क्या संसद में भी कोई “विवादित प्रश्न” पूछा जाएगा या सब प्रश्नकाल में सोते मिलेंगे?
सदानंदन मास्टर का अनुभव और जमीनी समझ राज्यसभा में नीति निर्धारण को जनहित से जोड़ने में मदद कर सकता है। और शायद उनकी उपस्थिति, केरल की राजनीति में भी एक बड़ा संदेश हो।
थोड़ा तथ्य
राज्यसभा के इस “डबल नामांकन” ने यह साबित कर दिया कि इतिहास भी संसद में जगह बना सकता है और संघर्ष भी।
एक ओर हैं डॉ. जैन — जिनकी किताबें अक्सर “विवाद के बेस्टसेलर” बन जाती हैं,
तो दूसरी ओर सदानंदन मास्टर — जिनका जीवन खुद एक ऐसी प्रेरणादायक पुस्तक है, जिसे हर युवा को पढ़ना चाहिए।
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